बुधवार, 28 दिसंबर 2016

सूफ़ियाँ

(Pic from http://pixabay.com)



एक समंद है जीवन मेरा
लहरें बारम - बार !
उठना, गिरना, तरना, बहना
रुकना ना इस पार !! 

माई, अल्लाह, राम, श्याम
मौला, गुरुवर तेरा नाम ..... !! 


उत्पल कान्त मिश्र “नादां”
मुम्बई 
दिसम्बर २८, २०१६ 

(मेरे एक गीत का अंश) 

© Utpal Kant Mishra, 2016