Image: think4photop / FreeDigitalPhotos.net
कोई गाँव जलाता है किसी का दिल दहलता है
हयुले में हर एक लेकिन खुदा का नूर लगता है !!!
जमीन पर जो भी आएगा कभी आंसू बहायेगा
जफ़र - ओ - कातिलों में भी मचलता दिल धड़कता है !!!
अजब सी है कहानी ये कहाँ पे ले के जाती है
वहीँ पर जिंदगानी है जहाँ सपना उजड़ता है !!!
तुझे हो क्यों पता "नादां" बशर के दर्द हैं कितनें
कहीं पर चाँद होता है कहीं सूरज निकलता है !!!
उत्पल कान्त मिश्रा "नादां"
अगस्त १४; २००८
२०:२२