शनिवार, 12 नवंबर 2011

बेसबब खुद को लुटाया न करो ....... !!













दर्द आँखों से बहाया न करो
कीमती खूँ यूँ गवाया न करो .......... !!

क्यों जमाने से खफ़ा हो फिरना
बेसबब खुद को लुटाया न करो ....... !!

बेकसी ले के करो ये न सफ़र
जिंदगी तुम यूँ मिटाया न करो ........ !!

मुस्कुराने की अदा यूँ रखो
लाख हों ग़म पर दिखाया न करो ..... !!

ये पराया है जहाँ सुन "नादाँ"
जान लो पर ये सुनाया न करो ........ !!

उत्पल कान्त मिश्र "नादाँ"
मुंबई

9 टिप्‍पणियां:

prritiy----sneh ने कहा…

kya baat hai lag raha hai aap mujhe hi nasiyat de rahe hain.

achhi rachna

shubhkamnayen

anil 'Bismil' ने कहा…

दर्द आँखों से बहाया न करो
कीमती खूँ यूँ गवाया न करो .......... !!

acchi ghazal .........daad qubool keejiyegaa

Udan Tashtari ने कहा…

ये पराया है जहाँ सुन "नादाँ"
जान लो पर ये सुनाया न करो ........ !!


-बहुत उम्दा/ बेहतरीन!!!

उत्पल कान्त मिश्रा "नादां" ने कहा…

Prritity:

Main kisi ko nashihat nahin de raha ... mahaj sacchai bayaan kar raha tha .... shayad yehi ya yebhi sach hai

Utpal

उत्पल कान्त मिश्रा "नादां" ने कहा…

anil ji

aapki issilah se hi yeh ghazal poori ho saki hai .... aapka shukriyaa .... kuch aur bhi likhte hain

Utpal

उत्पल कान्त मिश्रा "नादां" ने कहा…

आदरणीय लाल जी !

आपका बेहद शुक्रगुजार हूँ की आपनें अपना बेशकीमती समय मुझे दिया और मेरी इल्तिज्ज़ा को स्वीकार किया !

आपको रचना पसंद आई .... मेरी मिहनत सफल हुई

सादर

उत्पल कान्त मिश्र "नादाँ"

payal agarwal ने कहा…

बेकसी ले के करो ये न सफ़र
जिंदगी तुम यूँ मिटाया न करो ........ !!
bas Amen keh sakti hoon!:)

उत्पल कान्त मिश्रा "नादां" ने कहा…

Amen ! Payal

Deepti Agarwal ने कहा…

दर्द आँखों से बहाया न करो
कीमती खूँ यूँ गवाया न करो .......... !!

Bahut Khoob.... :)