दर्द आँखों से बहाया न करो
कीमती खूँ यूँ गवाया न करो .......... !!
क्यों जमाने से खफ़ा हो फिरना
बेसबब खुद को लुटाया न करो ....... !!
बेकसी ले के करो ये न सफ़र
जिंदगी तुम यूँ मिटाया न करो ........ !!
मुस्कुराने की अदा यूँ रखो
लाख हों ग़म पर दिखाया न करो ..... !!
ये पराया है जहाँ सुन "नादाँ"
जान लो पर ये सुनाया न करो ........ !!
उत्पल कान्त मिश्र "नादाँ"
मुंबई
9 टिप्पणियां:
kya baat hai lag raha hai aap mujhe hi nasiyat de rahe hain.
achhi rachna
shubhkamnayen
दर्द आँखों से बहाया न करो
कीमती खूँ यूँ गवाया न करो .......... !!
acchi ghazal .........daad qubool keejiyegaa
ये पराया है जहाँ सुन "नादाँ"
जान लो पर ये सुनाया न करो ........ !!
-बहुत उम्दा/ बेहतरीन!!!
Prritity:
Main kisi ko nashihat nahin de raha ... mahaj sacchai bayaan kar raha tha .... shayad yehi ya yebhi sach hai
Utpal
anil ji
aapki issilah se hi yeh ghazal poori ho saki hai .... aapka shukriyaa .... kuch aur bhi likhte hain
Utpal
आदरणीय लाल जी !
आपका बेहद शुक्रगुजार हूँ की आपनें अपना बेशकीमती समय मुझे दिया और मेरी इल्तिज्ज़ा को स्वीकार किया !
आपको रचना पसंद आई .... मेरी मिहनत सफल हुई
सादर
उत्पल कान्त मिश्र "नादाँ"
बेकसी ले के करो ये न सफ़र
जिंदगी तुम यूँ मिटाया न करो ........ !!
bas Amen keh sakti hoon!:)
Amen ! Payal
दर्द आँखों से बहाया न करो
कीमती खूँ यूँ गवाया न करो .......... !!
Bahut Khoob.... :)
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